Cloud Computing kya hai और Cloud Computing कैसे काम करता है?

Cloud Computing kya hai और Cloud Computing कैसे काम करता है?
Cloud Computing kya hai और Cloud Computing कैसे काम करता है?

Cloud Computing kya hai और Cloud Computing कैसे काम करता है?: आजकल हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन और उसमें इंटरनेट मौजूद होता ही है। साथ ही साथ कुछ नए नए तकनीक और टेक्नोलॉजी भी आ रहे है। इन नए तकनीक में से एक है क्लाउड कंप्यूटिंग जो कि हम सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते है। परंतु फिर भी इस तकनीक के बारे में अच्छे से नहीं जानते है। तो आइए आपको इस लेख द्वारा हम बताएंगे कि Cloud Computing kya hai और Cloud Computing काम कैसे करता है?  हम आशा करते है कि आप इन विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए  इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।   

Cloud Computing kya hai ?

क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा आप सॉफ्टवेयर, डाटा स्टोरेज, डाटा प्रोसेसिंग जैसी सेवाओं का ऑनलाइन इस्तेमाल कर पाते हैं। आसान भाषा में समझाए तो Cloud Computing का मतलब है, अपने data को computer hard drive में स्टोर ना करके उसकी जगह Internet पर स्टोर करना।  

इसमें आपको एक ऑनलाइन स्पेस दिया जाता है जहां आप अपने डाटा को स्टोर कर सकते हैं और कहीं भी किसी समय में स्टोर किए हुए डाटा को एक्सेस कर रहे हैं। 

Cloud Computing की हिस्ट्री क्या है?  

क्लाउड कम्प्यूटिंग सन् 1960 में शुरू किया गया था ऐसा माना जाता है, जब इंटरनेट उतने ठीक से नहीं था। परंतु असल में यह टेक्नॉल्जी 1990 जब सेल्फफोर्स नाम की कंपनी ने अपना यह सेवा सबको देना चालू किया। धीरे धीरे यह सर्विस लोगों को पसंद आने लगी।

शुरुआत में क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल केवल व्यापार के लिए किया जाता था।परन्तु कुछ समय में ही  इसकी  सर्विस पूरी दुनिया में फैल गई। आज के समय में काफी बड़ी कंपनी क्लाउड कम्प्यूटिंग की सुविधा प्रदान करती है। 

Cloud Computing के उदहारण क्या है? 

आज के समय में कई जगह क्लाउड कम्प्यूटिंग का इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानें उसी के कुछ उदाहरण के बारे में जानते है,

Google drive 

इस क्लॉड कम्प्यूटिंग का इस्तेमाल करके आप अपने कंप्यूटर पर मौजूद फाइल को सुरक्षित रूप से Google Drive पर स्टोर कर सकते हैं।

Social Media

कई सारे सोशल मीडिया एप्स भी क्लाउड कम्प्यूटिंग का सर्विस प्रदान करती है।

Email Service Provider

ईमेल सेवा देने वाली कंपनी भी इस क्लाउड कम्प्यूटिंग का सर्विस प्रदान करती है।

Cloud Computing के प्रकार क्या है?

यह Cloud computing की मुख्य 4 प्रकार के होते हैं। आइए इस सेक्शन में जानने का प्रयास करते है,

Public Cloud

पब्लिक क्लाउड के नाम से ही पता चल रहा है कि इसके सर्विस का इस्तेमाल हर कोई कर सकता है। इनकी सेवा वैसे तो मुफ्त है या बहुत कम शुल्क लिया जाता है। इस तरह के क्लाउड पर किसी भी यूजर का कंट्रोल नहीं होता है। पब्लिक क्लाउड का नियंत्रण क्लाउड सेवा प्रदाता के पास होता है। 

Private Cloud

प्राइवेट क्लाउड द्वारा दी गई सर्विस केवल कोई एक कंपनी या व्यक्ति ही इस्तेमाल कर सकता है। जितना भी डाटा इसमें स्टोर किया जाता है वह पासवर्ड प्रोटेक्टेड होता है। डाटा का एक्सेस केवल वही कंपनी या व्यक्ति कर सकता है जिसके पास उपकर्ता का नाम और पासवर्ड होता है। 

Hybrid Cloud

हाइब्रिड क्लाउड में पब्लिक और प्राइवेट दोनों का ही इस्तमाल किया जाता है। यह काफी कंपनी इस्तमाल करती है,जिसमें अपने डाटा स्टोरेज के लिए पब्लिक क्लाउड उपयोग करती है और कुछ जरूरी जानकारी के लिए पासवर्ड प्रोटेक्टेड प्राइवेट क्लाउड इस्तेमाल करती है।

Community Cloud

कम्युनिटी क्लाउड में कोई एक ग्रुप द्वारा ही उपयोग किया जाता है, कोई भी दूसरा व्यक्ति कम्युनिटी क्लाउड के डाटा तक नहीं पहुंच सकती है। 

Cloud Computing कैसे काम करता हैं?

यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो कई सारे कंप्यूटर्स, सर्वर्स, डेटाबेस, स्टोरेज, सॉफ्टवेर, applications आदि मिलकर बनता हैं। क्लाउड कम्प्यूटिंग में  डाटा स्टोर किया जाता है जिसे हम इंटरनेट की मदद से एक्सेस कर सकते हैं। इसके काम को समझने के लिए इसे दो भागों में बाटा गया है।

Front End

फ्रंट एंड में  क्लाउड कम्प्यूटिंग के सॉफ्टवेयर और इंटरनेट कनेक्शन की मदद से  डाटा को स्टोर किया जाता है।

Back End

बैक एंड में डाटा को स्टोर तो किया ही जाता है परंतु पूरी सुरक्षा के साथ। इसमें सर्वर ,डेटाबेस , कंप्यूटर और सेंट्रल सर्वर शामिल होते हैं।

क्लाउड कम्प्यूटिंग के माध्यम से जुड़ी कंप्यूटर्स के बीच कनेक्टिविटी के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है। यह डाटा को सुरक्षित रखने के लिए उसकी कई कॉपी अलग अलग क्लाउड सर्वर पर रखता है।

Cloud Computing के फायदे क्या है?

  • क्लाउड कम्प्यूटिंग का इस्तेमाल करने से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के मेंटेनेंस का खर्चा बहुत कम है।
  • बैकअप और रिस्टोर करना बहुत आसान होता है। जब आप डेटा क्लाउड में stored करते है, तो आप क्लाउड का उपयोग करके अपने stored data को आसानी से restore और उसका back-up प्राप्त कर सकते हैं। 
  • क्लाउड कम्प्यूटिंग में Unlimited storage capacity होती है। आप अपने जरूरी डेटा जैसे ऑडियो, वीडियो , इमेज आदि को एक जगह पर स्टोर करने के लिए क्लाउड का उपयोग करके बड़ी मात्रा में storage capacity प्राप्त कर सकते हैं। 
  • आप क्लाउड पर स्टोर किए गए डाटा को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं।आप इंटरनेट कनेक्शन का यूज करके पूरी दुनिया में कहीं भी, कभी भी स्टोर जानकारी को जल्दी और आसानी से एक्सेस कर सकते हैं।
  • यह टेक्नोलॉजी आपके डाटा को पूरी सिक्योरिटी प्रदान करता है अपने कुछ एडवांस्ड फीचर्स की मदद से।

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Cloud Computing के नुकसान क्या है? 

क्लाउड कंप्यूटिंग के कई सारे फायदे तो है ही लेकिन साथ ही साथ कुछ नुकसान है। तो आइये जानते हैं क्लाउड कंप्यूटिंग के कुछ नुकसान।

  • यदि आपका डेटा क्लाउड कंप्यूटिंग मैं स्टोर है तो आपको उनकी एक्स एस के लिए एक अच्छा नेटवर्क कनेक्शन होना आवश्यक है। बिना इंटरनेट कनेक्शन के आगे डेटा तक नहीं पहुँच सकते हैं।
  • हम अपना सारा डेटा इंटरनेट पर स्टोर करते हैं इसलिए वहाँ  पर सिक्योरिटी की समस्याएं भी हो सकती है जैसे हैकिंग डाटा लीक आदि जैसी परेशानियों से हमारा डेटा लॉस हो सकता है।
  • सबसे बड़ी परेशानी यह है कि हम अपना डाटा किसी थर्ड पार्टी सर्वर पर स्टोर करते हैं और यदि इसमें कोई परेशानी आजाए तो इन हाउस इम्प्लॉई कुछ भी नहीं करते क्योंकि अपने हाथों में इसका पूरा कंट्रोल नहीं होता है।
  • टेक्निकल प्रॉब्लम की वजह से क्लाउड प्रोवाइडर्स के server डाउन हो सकते हैं और इससे परेशानियां आ सकती हैं। 

निष्कर्ष

दोस्तों हमने इस आर्टिकल में आपको बताया है कि Cloud Computing Kya hai और Cloud Computing काम कैसे करते है? यदि आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों से भी शेयर करें ताकि वो भी जान सके की क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या हैं। आपको अगर कुछ भी सुझाव देना हो या मन में कोई भी सवाल तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके बता सकते हैं। हम आपके हर कॉमेंट पर जल्द से जल्द रिप्लाई देने की कोशिश करेंगे।

F.A.Q.

  • क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या है? 

यह एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा आप सॉफ्टवेयर, डाटा स्टोरेज, डाटा प्रोसेसिंग जैसी सेवाओं का ऑनलाइन इस्तेमाल कर पाते हैं। 

  • क्लाउड कम्प्यूटिंग की शुरुआत कब हुई थी?

क्लाउड कम्प्यूटिंग सन् 1960 में शुरू किया गया था ऐसा माना जाता है, जब इंटरनेट उतने ठीक से नहीं था। परंतु असल में यह टेक्नॉल्जी 1990 जब सेल्फफोर्स नाम की कंपनी ने अपना यह सेवा सबको देना चालू किया।

  • क्लाउड कम्प्यूटिंग कितने प्रकार के होते है?

आपके जानकारी के लिए बता दे कि यह Cloud Computing 4 तरीके होते है पब्लिक क्लाउड, प्राइवेट क्लाउड, कम्युनिटी क्लाउड और हाइब्रिड क्लाउड।

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